India Proposes Retaliatory Tariffs: India और United States के बीच व्यापारिक तनाव (trade tensions) एक बार फिर बढ़ गए हैं। भारत ने अमेरिकी स्टील और एल्यूमिनियम पर लगाए गए टैरिफ के जवाब में अमेरिका से आयातित कुछ उत्पादों पर retaliatory tariffs लगाने का प्रस्ताव WTO को दिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते (trade deal) की बातचीत चल रही थी। इस फैसले से दोनों देशों के आर्थिक और राजनीतिक रिश्तों पर असर पड़ने की संभावना है।
India Proposes Retaliatory Tariffs विवाद की शुरुआत और मुख्य घटनाक्रम
2018 में अमेरिका ने national security का हवाला देते हुए स्टील (steel) पर 25% और एल्यूमिनियम (aluminium) पर 10% टैरिफ लगाया था। इस कदम का सबसे बड़ा प्रभाव भारत जैसे देशों पर पड़ा, जो विश्व के प्रमुख स्टील उत्पादकों में शामिल हैं।
2025 के मार्च में अमेरिकी प्रशासन ने इन टैरिफ्स को और बढ़ाने का फैसला किया, जिससे भारत के निर्यातकों को भारी नुकसान हुआ। भारत ने 2019 में भी अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाए थे, लेकिन 2023 में दोनों देशों ने कई WTO विवाद सुलझा लिए थे।
Latest Update: भारत का नया प्रस्ताव
12 मई 2025 को भारत ने WTO को नोटिफाई किया कि वह अमेरिका से आयातित चुनिंदा उत्पादों पर retaliatory tariffs लगाने जा रहा है।
भारत का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ्स से भारतीय निर्यातकों को लगभग 1.91 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है, जो करीब 7.6 बिलियन डॉलर के भारतीय निर्यात पर असर डालता है।
यदि अमेरिका और भारत के बीच जल्द कोई समाधान नहीं निकला, तो ये जवाबी टैरिफ जून 2025 में लागू हो सकते हैं।
Official Statements and Reactions
भारत सरकार:
WTO में भारत ने कहा कि अमेरिका ने बिना उचित परामर्श के टैरिफ लगाए हैं, जो WTO के नियमों का उल्लंघन है।
Experts’ Opinion:
अजय श्रीवास्तव, Global Trade Research Initiative के संस्थापक, ने कहा,
“यह कदम भारत की आर्थिक मजबूती और ‘Make in India’ अभियान के लिए जरूरी है।”
US Side:
अमेरिका का कहना है कि ये टैरिफ national security के तहत लगाए गए हैं और WTO के safeguard नियमों के अंतर्गत आते हैं। अमेरिकी प्रशासन ने भारत को ‘tariff abuser’ भी बताया है।
Public and Expert Reaction
सोशल मीडिया पर #IndiaUSTrade, #RetaliatoryTariffs, #SteelDispute जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
भारतीय उद्योग समूहों ने सरकार के कदम का समर्थन किया है और इसे देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है।
वहीं, अमेरिकी व्यापारिक संगठन इस फैसले से चिंतित हैं और इसका कारोबार पर नकारात्मक प्रभाव होने की आशंका जताई है।
Impact and Potential Consequences
- Political: दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता प्रभावित हो सकती है, जिससे प्रस्तावित FTA (Free Trade Agreement) पर असर पड़ सकता है।
- Economic: अमेरिकी निर्यातकों के लिए भारत का बाजार महंगा हो जाएगा, जिससे व्यापार घाटा बढ़ सकता है।
- Global: भारत और अमेरिका दोनों वैश्विक सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए इस विवाद का असर विश्वव्यापी बाजारों पर भी पड़ सकता है।
Key Data and Timeline
Year | Event/Policy | Economic Impact (USD) |
---|---|---|
2018 | US imposed tariffs on steel/aluminium | Indian exports affected |
2019 | India imposed retaliatory tariffs | $240 million trade affected |
2023 | WTO disputes resolved | Tariffs reduced |
March 2025 | US increased tariffs | $1.91 billion duties |
May 2025 | India proposed retaliatory tariffs | $7.6 billion trade impacted |
Conclusion and What to Expect Next
India द्वारा प्रस्तावित retaliatory tariffs से दोनों देशों के बीच trade tensions बढ़ सकते हैं। यदि US और India जल्द समझौते पर नहीं पहुंचते, तो जून 2025 से नए tariffs लागू हो सकते हैं, जो दोनों देशों के व्यापार को प्रभावित करेंगे। आने वाले महीनों में WTO में चल रही वार्ताओं और दोनों देशों की बातचीत पर सबकी नजरें रहेंगी। यह विवाद न केवल India-US के लिए, बल्कि वैश्विक व्यापार व्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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